गोविन्द सलोता
अहमदाबाद, २६ अक्तूबर. कपास के बढ़ते दामों ने आजकल व्यापारियों को खासी परेशानी में दाल दिया है. कपास के दाम इन दिनों आसमान छूते नजर आ रहे हैं. इन बढ़ते दामों के कारण कपडे के दामों में भी वृद्धि हो रही है. बढ़ते हुए कपास के दामों का हर्जाना निर्माता कम्पनियों को भुगतना पड़ रहा है. कपास के बढ़ते भाव से कपडा व्यापारियों के मुनाफे पर भी खासा असर पड़ रहा है. इस सब बातों के चलते कम्पनियों ने कपडे के दाम फिर से बढ़ने का मन बना लिया है.
निर्माता कम्पनियों ने अभी सितम्बर में ही कपडे के दाम १० से १५ फीसदी बढ़ाये थे. मुनाफे के लिहाज से ये कम्पनियां इसे भी सही नहीं ठहरा रही हैं. अरविन्द मिल्स लिमिटेड कम्पनी ने पिछले ही महीने डेनिम एंड शर्टिंग की कीमतें १५ फीसदी बढाई थीं. इस कम्पनी ने तब ये भी संकेत दिए थे कि अभी एक ओर मूल्य वृद्धि की जा सकती है. अरविन्द लिमिटेड के वितीय अधिकारी जयेश शाह का कहना है कि कच्चे माल की कीमतें बढ़ चुकी है जिसके कारण कपडे की कीमतों में भी इजाफा होना निश्चित है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष २००९-१० के दौरान कपास की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है. मुंबई के आईबी यार्न अगेंच्य के भारत मलकान कहते है कि वर्ष २००९-१० में कपास के भाव बढ़ने के साथ साथ सूती धागे की कीमतें भी ४५ से ५० फीसदी तक बढ़ गयी हैं. यदि कच्चे माल में बढौतरी का यह सिलसिला अगर इसी तरह जारी रहा तो उत्पादों की कीमतों में भी लगातार वृद्धि होना निश्चित है.
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