विज्ञान के इतनी तरक्की करने के बावजूद भी इस संसार में कुछ ऐसे रहस्य छिपे हैं जिनके बारे में पता लगाने के लिए विज्ञान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इतनी तरक्की के बाद भी कई सवाल ऐसे है जिनका जवाब हम तलाश रहे हैं. ऐसा ही एक सवाल है मैक्सिको का जोन ऑफ साइलेंस, जिसने वैज्ञानिकों के होश उड़ा रखें हैं. मैक्सिको के बोलसन डे मापिमी का ये रेगिस्तानी इलाका है. इस इलाके को साइलेंट जोन के नाम से भी जाना जाता है. ये इलाका मैक्सिको के डुरैंगो, चिहुआहुआ और कोआहुइला स्टेट के बीच स्थित है.
हैरानी की बात ये है कि इस इलाके में आवाज सुनाई नहीं देती है. आपस में बात करते हुए एक दूसरे तक अव्वाज नहीं पहुँच पाती है. इसे यूएफओ लैंडिंग एरिया भी माना जाता है. वैज्ञानिक का मानना है कि इस क्षेत्र में धरती कि एनर्जी कॉन्सेंट्रेट हो जाती है.
आज तक इस बात को साबित नहीं किया जा सका है. कई वर्षों से उच्च श्रेणी के वैज्ञानिक और कई विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी इन सवालों का जवाब तलाशने में अपने भरसक प्रयास कर रहे है, लेकिन उन्हें इस से सम्बंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं मिल पाया है. जुलाई 1970 में अमेरिकी एयरफोर्स का ‘एथेना’ नियंत्रण खोकर इस इलाके में गिर गया था ‘एथेना’ में कोबाल्ट 57 और रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स थे.
‘एथेना’ को तलाश करने के लिए तुरंत टीम रवाना की गई. इस काम में उन्हें तीन हफ्ते से ज्यादा समय लग गया. जब रॉकेट मिला तो पता चला कि इस इलाके में रेडियो सिग्नल भी काम नहीं करते हैं. टेलीविजन, सैटेलाइट, शॉर्ट वेव और माइक्रोवेव जैसे सिग्नल भी इस इलाके को भेद नहीं सकते हैं. काफी रिसर्च के बाद भी सिर्फ अनुमान ही लगाए गए हैं लेकिन सच्चाई आज भी रहस्य बनी हुई है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें