संसदीय प्रणाली के भविष्य को लेकर चिंतित हूं: पीएम
2जी एस्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि इस मामले की जांच के लिए मौजूदा संसदीय तंत्र बेहतर है।
ब्रसेल्स से बर्लिन जाते समय रास्ते में मनमोहन ने संवाददाताओं से कहा कि वह संसदीय प्रणाली को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर विपक्ष के अड़े रहने के कारण संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विपक्ष से बार-बार दोहराया है कि मौजूदा संसदीय तंत्र वही कर सकता है जो जेपीसी कर सकती है।’’ यह पूछे जाने पर कि इस मुद्दे पर वह कब चुप्पी तोड़ेंगे, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समय आने पर’’।
यह पूछने पर कि विपक्ष ने यदि अगले वर्ष बजट सत्र के दौरान भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जैसा कि उसने चेतावनी दी है, तब क्या होगा, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं संसदीय प्रणाली के भविष्य को लेकर चिंतित हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि विपक्ष विवेक से काम लेगा।’’
ज्ञात हो कि नौ नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही इस मामले की जेपीसी से जांच कराने की विपक्ष की मांग को लेकर स्थगित होती रही है। यह सत्र सोमवार को समाप्त होने जा रहा है। इस सत्र में संसद की कार्यवाही प्रतिदिन स्थगित होती रही है।
प्रधानमंत्री शुक्रवार को हुए भारत-यूरोपीय संघ में भाग लेने के लिए ब्रसेल्स पहुंचे थे। वह रविवार को स्वदेश लौटेंगे।
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